भविष्य में रोजगार के क्षेत्र में बड़े बदलाव आने वाले हैं। कुछ नौकरियां समाप्त हो सकती हैं, वहीं दूसरी ओर नई और उभरती हुई नौकरियों के अवसर भी उत्पन्न होंगे। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार, आने वाले दशक (2030 तक) में दुनिया भर में लगभग 17 करोड़ (170 मिलियन) नई नौकरियां सृजित होंगी। इसके अलावा, कई क्षेत्रों में नौकरियों की कमी भी होगी। लगभग 9.2 करोड़ (92 मिलियन) नौकरियां इन बदलावों के कारण खो सकती हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से तकनीकी विकास, हरित परिवर्तन, आर्थिक और जनसांख्यिकीय बदलावों के कारण होंगे।
17 करोड़ नई नौकरियां, 9 करोड़ नौकरियां खतरे में
दरअसल, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक 20 से 25 जनवरी के बीच स्विट्ज़रलैंड के दावोस में होने वाली है। बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नई तकनीकों के आने से 2030 तक नौकरियों में बड़े बदलाव हो सकते हैं। जनसांख्यिकीय बदलाव, भू-आर्थिक तनाव और तकनीकी प्रगति के कारण वैश्विक उद्योगों और पेशेवरों में बड़े बदलाव होंगे। 2030 तक, 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी और 9.2 करोड़ नौकरियां खो सकती हैं, जबकि विकासशील श्रमिक बाजारों में 10.9 करोड़ नौकरियां यथावत रहेंगी।
सबसे ज्यादा बढ़ने वाली नौकरियां
आने वाले वर्षों में जिन नौकरियों में सबसे ज्यादा वृद्धि हो सकती है, उनमें कृषि श्रमिक, हल्के ट्रक या डिलीवरी सर्विस ड्राइवर, सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन डेवलपर्स, बिल्डिंग फ्रेमर्स, शॉप सेल्सपर्सन, फूड प्रोसेसिंग श्रमिक, नर्सिंग पेशेवर, फूड और बेवरेज वर्कर्स, और सोशल वर्क और काउंसलिंग प्रोफेशनल्स शामिल हैं।
घटने वाली नौकरियां
इस रिपोर्ट के अनुसार, जिन नौकरियों में सबसे ज्यादा कमी हो सकती है, उनमें कैशियर, टिकट क्लर्क, प्रशासनिक सहायक, भवन देखभाल करने वाले, सफाईकर्मी, खाता और वेतन क्लर्क, डेटा एंट्री क्लर्क, बैंक टेलर और ग्राहक सेवा कर्मचारी जैसे कार्य शामिल हैं।
आने वाले समय में आवश्यक कौशल
फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार, नियोक्ता 2030 तक नौकरी बाजार में आवश्यक 39% प्रमुख कौशल में बदलाव की उम्मीद करते हैं, जो 2023 के 44% से कम है। कंपनियां अब इन बदलावों को बेहतर तरीके से समझ रही हैं और निरंतर सीखने, अपस्किलिंग (नए कौशल सीखने) और रेस्किलिंग (पुराने कौशल को अपडेट करने) पर जोर दे रही हैं।
आने वाले पांच वर्षों में तकनीकी कौशल सबसे महत्वपूर्ण बन जाएंगे। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बिग डेटा, नेटवर्क और साइबर सुरक्षा, तकनीकी साक्षरता, रचनात्मक सोच, सहनशीलता, चपलता, जिज्ञासा और सीखने की क्षमता जैसी क्षमताओं की मांग बढ़ेगी।
भविष्य की तैयारी के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की पहल
यह ध्यान में रखते हुए कि भविष्य की अर्थव्यवस्था में बदलाव आने वाले हैं, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का नया सेंटर फॉर द न्यू इकोनॉमी एंड सोसाइटी विभिन्न व्यवसायों, शैक्षिक संस्थानों और सरकारों के साथ मिलकर लोगों को तैयार करने में मदद कर रहा है। जॉब्स इनिशिएटिव और रिस्किलिंग रेवोल्यूशन जैसी पहल इसके तहत काम कर रही हैं, ताकि लोग भविष्य के रोजगार बाजार के लिए तैयार रह सकें।
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